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देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।। (दुर्गा सप्तशती)
शरणागत की पीड़ा दूर करने वाली देवि, हम पर प्रसन्न होओ! सम्पूर्ण जगत की माता, प्रसन्न होओ! विश्वेश्वरि, विश्व की रक्षा करो! देवी, तुम्हीं चराचर जगत की अधीश्वरी हो!
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